जीवन की नदी

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"जीवन की नदी" जीवन की इस नदी में मैं, अविरल यूं हीं बहती चलूं न रुकूं कहीं न थकूं कहीं एक नदी के जैसे मैं उन्मुक्त सी चलती चलूं न डरूं ...

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